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Wednesday, 16 October 2024
अब आपके आसपास भी नहीं फटकेगा मोटापा, इस बीमारी को जड़ से ही खत्म कर देगी यह खास तकनीक
Tuesday, 15 October 2024
Health Benefits: खाली पेट महिलाओं को रोजाना खानी चाहिए 2 खजूर, फायदे जानकर आज से ही कर देंगे शुरू
खजूर प्रजनन क्षमता, ओव्यूलेशन, हार्मोन संतुलन और प्रसव प्रक्रिया में मदद कर सकता है. खजूर से मिलने वाले पराग प्रजनन क्षमता और हार्मोनल समस्याओं में भी मदद कर सकते हैं.
खजूर ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकते हैं, जो एनीमिया और कम मासिक धर्म की समस्या में मदद कर सकता है.खजूर पोषक तत्वों, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जो भ्रूण के विकास में सहायता कर सकता है और मातृ स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है.
खजूर में पोटैशियम भी अधिक होता है, जो गर्भावस्था के दौरान इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. खजूर बवासीर के विकास के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान एक आम समस्या है.
खजूर में मैग्नीशियम की उच्च मात्रा होने के कारण पीएमएस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है.खजूर को परिष्कृत चीनी और कृत्रिम स्वीटनर के विकल्प के रूप में प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
खजूर में आयरन, कैल्शियम और जिंक भी अधिक होता है, जो अन्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है.
वे मधुमेह और प्रीडायबिटीज वाले लोगों को भी लाभ पहुंचाते हैं क्योंकि खजूर में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में सूजन को कम कर सकते हैं क्योंकि वे पॉलीफेनोल के साथ-साथ कई अन्य पोषक तत्वों और यौगिकों में उच्च होते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध में सहायता करते हैं. हालांकि, यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो उन्हें खाने से पहले अपने डॉक्टर से पुष्टि करना उचित है.
Sleep Problem: कई बीमारियों का कारण बन सकती है नींद न आने की समस्या, आप भी हैं परेशान तो करें ये तीन काम
शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए अच्छी नींद लेना बहुत आवश्यक माना जाता है। ये मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार की सेहत को ठीक रखने के लिए जरूरी है। डॉक्टर बताते हैं, जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा रहता है।
नींद न आने की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। मानसिक तनाव या चिंताएं अक्सर दिमाग को इतना सक्रिय कर देती हैं कि व्यक्ति आराम से सो नहीं पाता। इसके अलावा चाय, कॉफी, सिगरेट और अन्य कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन करने वालों को भी नींद विकारों की दिक्कत हो सकती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि कुछ प्रकार की क्रोनिक बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियां और मानसिक रोग के शिकार लोगों की भी नींद अक्सर बाधित रहती है।
नींद न आने की समस्या (अनिद्रा) एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को सोने में कठिनाई होती है या रात में अक्सर उसकी नींद टूट जाती है। नींद की कमी का असर दीर्घकालिक रूप से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं (जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मानसिक विकार और अन्य क्रोनिक बीमारियां) को बढ़ाने वाली हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, नींद की बढ़ती समस्याओं के लिए मोबाइल या कंप्यूटर जैसे स्क्रीन्स का अधिक इस्तेमाल भी माना जा सकता है। इन उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट नींद के लिए आवश्यक मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को रोकती है।
नींद में सुधार के लिए कुछ उपाय मददगार हो सकते हैं।
सोने से 1-2 घंटे पहले स्मार्टफोन, कंप्यूटर, या टेलीविजन का इस्तेमाल न करें। इन उपकरणों की ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है, जिससे नींद आने में परेशानी होती है। मेलाटोनिन एक प्राकृतिक हार्मोन है जो नींद को नियंत्रित करता है। अनिद्रा के शिकार लोग डॉक्टर से सलाह लेकर इसका सप्लीमेंट ले सकते हैं। अगर नींद की समस्या किसी मानसिक विकार जैसे अवसाद या एंग्जायटी के कारण है, तो इसके लिए मनोचिकित्सक से सलाह लें।
हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें। इससे शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक नियमित होता है, जिससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है। इसके अलावा कमरे को नींद के अनुकूल बनाएं। कमरा शांत, अंधेरा वाला और ठंडा होना चाहिए। अनुकूल माहौल में अच्छी नींद मिलती है।
नियमित शारीरिक व्यायाम-योग नींद की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायक है। व्यायाम करने से शरीर को थकावट महसूस होती है, जिससे सोने में आसानी होती है। ध्यान रहे कि सोने से पहले व्यायाम न करें, क्योंकि यह शारीरिक उत्तेजना बढ़ा सकता है। ध्यान, गहरी सांस लेने की तकनीक और मांसपेशियों को आराम देने वाली एक्सरसाइज सोने से पहले करने से तनाव कम होता है और नींद में सुधार होता है।
Sunday, 13 October 2024
20 से 50 की उम्र के बीच दांत हो सकते हैं सेंसिटिव, जानें इसके कारण और इलाज का तरीका
Saturday, 12 October 2024
चिंताजनक: एशियाई देशों में इस घातक कैंसर के मामले में भारत शीर्ष पर, ये आदत आपको भी बना सकती है शिकार
द लैंसेट ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हालिया अध्ययन की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में भारत, मुंह के कैंसर के मामले में (तंबाकू और सुपारी के कारण, धुंआरहित तंबाकू उत्पाद) सबसे ऊपर है। साल 2022 में वैश्विक स्तर पर मुंह के कैंसर के 1.20 लाख से अधिक मामले सामने आए थे जिसमें से 83,400 मामले भारत से ही थे।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि मुंह के कैंसर के ज्यादातर मामले तंबाकू चबाने से होते हैं। हर साल सामने आने वाले ओरल कैंसर के 30 प्रतिशत से अधिक मामले धुआं रहित तम्बाकू के सेवन के कारण रिपोर्ट किए जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि ओरल कैंसर बड़े खतरे के रूप में बढ़ता देखा जा रहा है, इसके कारण साल दर साल स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ भी बढ़ गया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
इस अध्ययन के सह-लेखकों में से एक डॉ पंकज चतुर्वेदी कहते हैं, तंबाकू-गुटखा और सुपारी मुंह के कैंसर के अलावा सबम्यूकस फाइब्रोसिस नामक बीमारी का भी खतरा बढ़ा देते हैं। दुर्भाग्य से यह हमारी युवा आबादी को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बीमारी है जो परिवारों को भावनात्मक और आर्थिक रूप से बर्बाद कर रही है।
हमें धुंआ रहित तंबाकू और सुपारी पर नियंत्रण के लिए मौजूदा कानूनों और नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। तंबाकू किसी भी प्रकार में हो, इससे सेहत को गंभीर क्षति होने का खतरा होता है।
धूम्ररहित तम्बाकू बड़ा खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ये और भी चिंताजनक है कि तंबाकू उद्योग से जुड़ी कंपनियां सेलिब्रिटीज को विज्ञापनों के लिए नियुक्त करती हैं। इन विज्ञापनों को आम जनता पर सीधा असर होता है।
अनुमान है कि विश्वभर में 300 मिलियन (30 करोड़) लोग तम्बाकू और 600 मिलियन (60 करोड़) लोग सुपारी का सेवन करते हैं। एशियाई देशों में इसका जोखिम और भी अधिक है। मुंह के कैंसर के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए इस दिशा में बड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
लक्षणों की पहचान और जांच जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, मुंह के कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कारकों में तंबाकू सेवन (सिगरेट, सिगार,चबाने वाला तंबाकू और सूंघने वाली वस्तुएं) प्रमुख हैं। अत्यधिक शराब का सेवन, ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) नामक यौन संचारित वायरस के कारण भी ये कैंसर हो सकता है।
डॉक्टर कहते हैं, यदि आपके होंठ या मुंह में कोई घाव हो जो ठीक न हो रहा हो, मुंह के अंदर सफेद या लाल धब्बा हो, दांत कमजोर होते जा रहे हों, मुंह और कान में अक्सर दर्द बना रहता हो या निगलने में कठिनाई होती हो तो इस बारे में तुरंत चिकित्सक की सलाह ले लें। समय पर कैंसर का निदान हो जाने से इसका इलाज और जान बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
स्रोत और संदर्भ
Global burden of oral cancer in 2022 attributable to smokeless tobacco and areca nut consumption: a population attributable fraction analysis
Mental Health: भारतीय युवाओं में बढ़ रही हैं मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं, ज्यादातर लोगों को ये दिक्कत
मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं वैश्विक स्तर पर बढ़ती हुई रिपोर्ट की जा रही हैं। भारतीय लोगों के लिए भी ये बड़ी चिंता का कारण है। डेटा से पता चलता है कि भारत में युवा आबादी में मनोरोगों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से भारत की टोल-फ्री मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन, टेली-मानस को 3.5 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं। इनमें से मानसिक स्वास्थ्य की अधिकांश शिकायतें नींद की गड़बड़ी से संबंधित थीं।
गौरतलब है कि टेली मानस हेल्पलाइन, देशभर में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर परेशान लोगों को मुफ्त सहायता प्रदान करने का माध्यम है। इसपर सहायता के लिए जितने कॉल्स आ रहे हैं उनमें से ज्यादातर समस्याओं के लिए नींद में कमी को जिम्मेदार पाया जा रहा है।
टेलीमानस पर आने वाली सभी कॉल में से 14 फीसदी से अधिक में नींद से संबंधित दिक्कतों को प्रमुख कारण पाया गया है।
तनाव-चिंता विकार के भी केस
टेली मानस पर मानसिक स्वास्थ्य की सहायता के लिए आ रही कॉल्स में से मूड की गड़बड़ी की 14% शिकायतें, तनाव की 11% और चिंता विकार के करीब 9% केस सामने आए हैं। करीब 3 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें मानसिक स्वास्थ्य विकारों के कारण आत्मघाती विचार आ रहे हैं।
हेल्पलाइन पर कॉल करने वाले पुरुषों की संख्या काफी अधिक है, जो कुल कॉल का 56% है। इनमें से ज़्यादातर कॉल करने वाले (72%) 18 से 45 आयु वर्ग के हैं, जो दर्शाता है कि युवा आबादी में मानसिक स्वास्थ्य विकारों के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
वीडियो कॉल पर डॉक्टर देंगे सहायता
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर केंद्र सरकार ने तीन राज्यों से वीडियो कॉल पर डॉक्टर की सलाह लेने की सुविधा शुरू की। बृहस्पतिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टेली मानस मोबाइल एप का अपडेट वर्जन लॉन्च किया। अभी तक इसमें ऑडियो की सेवा शामिल थी लेकिन अब वीडियो को भी इसमें शामिल किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव आराधना पटनायक ने बताया कि अभी कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और तमिलनाडु में मोबाइल एप सेवा शुरू की जा रही है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Saturday, 5 October 2024
6 benefits of consuming olive oil and the correct ways to use it
There’s a lot of noise around the right kind of oil one must use to ensure they get the nutritional benefits of the food that is cooked in it without the ill effects of using too much oil. When it comes to oils, olive oil emerges to be the most stable and reliable oil option for cooking. Olive oil is celebrated as one of the healthiest oils globally, due to its remarkable fat profile and plays a crucial role in the Mediterranean diet.Comprising about 75% mono-unsaturated fatty acids (MUFA), it may support heart health by raising HDL (the good cholesterol) and lowering LDL (the bad cholesterol). Additionally, it is rich in antioxidant like polyphenols, which may help reduce inflammation, may help regulate blood sugar level and may help promote gut health. While presence of Vitamin E may help keep skin and hair healthy.
Olive oil is a versatile, nutritious, and flavourful ingredient that deserves a place in every kitchen. To make the most out of these benefits, use olive oil as a base in making salad dressings with a mix of vinegar or lemon juice, or regularly add it to your cooking for a healthy pick-me-up. To ensure, you’re getting all the nutritional goodness of olive oil, it’s important to understand the different types of olive oils available. Many people don’t know that there are 3 types of olive oils: Extra virgin olive oil, olive oil for Indian cooking, and classic olive oil.
According to Vishal Gupta, managing director, Borges India, “There are also many myths surrounding olive oil. For instance, extra virgin olive oil isn’t limited to salad dressings; it can be used for low-heat cooking, such as sautéing, grilling, and roasting, and makes a great butter substitute on toast. Olive oil for Indian cooking is ideal for everyday cooking, as its neutral flavour and high smoke point ensures that the flavour of your food remains intact & you can make all types of dishes, for example it is perfect for tadkas, preparing curries and sabzis or deep frying puris & Koftas. Classic olive oil is perfect for specialty dishes like pizza and pasta, offering a rich flavour and high smoke point.”
Simrat Kathuria the CEO and Head Dietitian at The Diet Xperts said, “The health and wellness sector lauds olive oil, sometimes known as "liquid gold," for its many health advantages and robust flavor. Because of its adaptability, it is a common ingredient in kitchens all over the world, where chefs and nutritionists are always coming up with new ways to include it in everyday meals. Olive oil is more than just a cooking oil; it's a nutritional powerhouse that can do everything from strengthen heart health to improve brain function. Health-conscious people love it for its anti-inflammatory qualities, antioxidants, and potential to help with digestion and skin. Olive oil's extensive use is revolutionizing healthy cooking.
Heart health
Packed with antioxidants
Properties that reduce inflammation
Supports brain health
Frequent use of olive oil has been linked to enhanced cognitive performance and a lower risk of neurodegenerative illnesses like Alzheimer's.
Promotes Skin Health
Because olive oil has a high vitamin E level, it protects the skin, provides moisture, and lessens the look of fine lines and wrinkles.Aids in digestion
By promoting bile production, relieving constipation, and enhancing nutritional absorption, olive oil aids with digestion.
The use of olive oil must be done appropriately to get these benefits to the fullest. Steer clear of overheating it when cooking because high heat might destroy some of the nutrients. To retain the full nutritious content of extra virgin olive oil, drizzle it over cooked vegetables, salads, or as a finishing touch.