अक्सर ही महिलाएं त्वचा पर पड़ने वाले स्ट्रेच मार्क्स को लेकर टेंशन में दिखाई देती हैं. इनके चलते महिलाएं अपने पसंदीदा कपड़े पहनने से भी कतराने लगती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ये उनकी खूबसूरती को बिगाड़ सकते हैं और लोगों को भी यह देखने में अच्छे नहीं लगते. ऐसे में महिलाएं इन स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए आए दिन तरह-तरह के प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करती रहती हैं और इसी कोशिश में लगी रहती हैं कि कैसे भी करके ये मार्क्स उनके शरीर से चले जाएं. भले ही कितने ही पैसे क्यों न लग जाएं. अगर आप भी स्ट्रेच मार्क्स से परेशान हैं तो मंहगी क्रीमों को छोड़िए, क्योंकि विटामिन्स के जरिए भी स्ट्रेच मार्क्स को दूर किया जा सकता है. तो चलिए बताते हैं आपको कि आखिर वह कौन से विटामिन्स हैं जिनसे स्ट्रेच मार्क्स को दूर किया जा सकता है.
विटामिन ई
वैसे तो आपने विटामिन ई के कई फायदों के बारे में सुना होगा, लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं कि विटामिन ई से स्ट्रेच मार्क्स से भी छुटकारा पाया जा सकता है. बता दें विटामिन ई डैमेज स्किन को रिपेयर करता है, जिससे यह स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने में भी मदद करता है. इसे आप किसी लोशन में मिक्स करके इस्तेमाल कर सकती हैं.
वैसे तो आपने विटामिन ई के कई फायदों के बारे में सुना होगा, लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं कि विटामिन ई से स्ट्रेच मार्क्स से भी छुटकारा पाया जा सकता है. बता दें विटामिन ई डैमेज स्किन को रिपेयर करता है, जिससे यह स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने में भी मदद करता है. इसे आप किसी लोशन में मिक्स करके इस्तेमाल कर सकती हैं.
विटामिन सी
विटामिन सी त्वचा को नया बनाता है और कॉलेजन प्रोडक्शन का भी काम करता है. अगर आप भरपूर मात्रा में विटामिन सी लेते हैं तो यह कुछ ही दिनों में आपके शरीर में मौजूद स्ट्रेच मार्क्स को दूर करके आपको नई और ग्लोइंग त्वचा देगा. इसके लिए आप खाने में संतरा, नींबू, आंवला जैसी चीजें शामिल कर सकते हैं.
विटामिन ए
विटामिन ए स्किन को ड्राय करके उसे नया बनाता है और स्ट्रेच मार्क्स को दूर करता है. विटामिन के लिए आप अपने भोजन में गाजर, एप्रीकॉट, फिश और ट्रॉपिकल फूड शामिल कर सकते हैं.
विटामिन के
जीवन के शुरुआती सालों में ही यदि बच्चों को घर में पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल मिल जाए, तो वे होम लर्निग के माध्यम से भविष्य में अच्छी श्रेणी में उत्तीर्ण हो सकते हैं और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. एक शोध में यह बात सामने आई है. 'स्कूल प्रभावशीलता और स्कूल सुधार' में प्रकाशित शोध में यह बात सामने आई है कि जिन बच्चों के माता-पिता ने स्कूल भेजने से पहले ही बच्चों के साथ पढ़ा और किताबों के बारे में बात की, वे सभी 12 साल की उम्र में गणित के विषय में अच्छे अंक लेकर आए.
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