
इस बारे में सचेत करते हुए राजस्थान राज्य के सभी ड्रग्स कंट्रोल अफसरों को ड्रग्स बुलेटिन जारी कर सचेत किया गया है. राजस्थान ड्रग्स कंट्रोलर राजाराम शर्मा द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि जॉनसन बेबी शैम्पू के उपरोक्त दोनों बैच मानकों के अनुसार खरे नहीं उतरे हैं, जो कि खरीदारों के लिए नुकसानदेह हैं. इसलिए इस कंपनी के उक्त उत्पाद की बिक्री पर रोक लगाते हुए बाजार से इसके स्टॉक को वापस मंगाया जाए. साथ ही वे कंपनी के अन्य बैचों की भी समय-समय पर जांच करें.
इस शैंपू में हानिकारक फार्मेल्डिहाइड होने की रिपोर्ट है. बता दें, फार्मेल्डिहाइड से कैंसर होने का खतरा होता है. राजस्थान ड्रग रेगुलेटर ने इस शैम्पू के 2 बैच- 'BB58204' औप 'BB58177'को टेस्ट किया था. ये शैम्पू सितंबर 2021 में एक्सपायर हो जाएंगे. राजस्थान ड्रग्स वॉचडॉग ने ड्रग्स कंट्रोल अफसर से नोटिस में कहा कि 'इन स्टॉक्स को किसी के भी द्वारा इस्तेमाल ना किया जाए. साथ ही मौजूदा स्टॉक को मार्केट से हटाया जाए. इसके अलावा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के तहत जो भी एक्शन लिया जा सकता है वो लिया जाए.'
2018 में अमेरिका में कुछ महिलाओं में जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर की वजह से ओवेरियन (गर्भाशय) कैंसर के लक्षण मिले थे. मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो महिला के वकीलों ने कहा कि उनके क्लाइंट को बेबी पाउडर में मौजूद अस्बस्ट्स की वजह से ओवेरियन कैंसर हुआ है. वकीलों का कहना है कि बेबी पाउडर में अबस्टस की मौजूदगी साल 1970 से प्रमाणित है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने 22 पीड़ित महिलाओं को 4.69 अरब डॉलर मुआवजे का आदेश दिया था.
इससे पहले 1982 में भी जॉनसन एंड जॉनसन की एक दवा से कुछ लोगों की मौत हो गई थी. विवाद बढ़ने के बाद कंपनी ने 3.1 करोड़ बोतलों को तुरंत वापस लिया था. 2008 में आरोप लगा कि कई उत्पाद में बदूब आ रहे हैं, इस शिकायत के बाद करीब तीन करोड़ यूनिट प्रोडक्स वापस लिए गए.
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