Sunday, 13 October 2024

20 से 50 की उम्र के बीच दांत हो सकते हैं सेंसिटिव, जानें इसके कारण और इलाज का तरीका

 


जिस तरह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से भोजन करना जरूरी है. उसी तरह सही समय पर दांतों की सफाई करना भी एक स्वस्थ आदत है. दांतों का ख्याल न रखने की वजह से कुछ भी गर्म या ठंडा खाते ही सनसनी महसूस होने लगती है.

इससे दांत दर्द के साथ-साथ परेशानी भी बढ़ जाती है. आइए जानते हैं दांतों की संवेदनशीलता (ओवरसेंसिटिव टीथ) के कारण और इससे राहत पाने के उपाय भी.नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, दांतों की संवेदनशीलता के मामले 10 से 30 फीसदी आबादी में पाए जाते हैं. ज्यादातर 20 से 50 साल की उम्र के लोग इस समस्या से ग्रसित होते हैं, इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है.


दांतों की अतिसंवेदनशीलता एक आम दंत समस्या है. इसके कारण दांतों में दर्द और झुनझुनी का सामना करना पड़ता है. दांतों की परत मुलायम होती है, जो इनेमल को सुरक्षित रखने में मदद करती है. लेकिन अम्लीय पेय पदार्थों और खाद्य पदार्थों का सेवन करने और माउथवॉश (माउथवॉश के साइड इफेक्ट) का अधिक इस्तेमाल करने से इनेमल को नुकसान पहुंचता है और यह खराब होने लगता है.इसका असर नसों पर दिखता है.


इनेमल दांतों को चमकदार और मजबूत बनाए रखता है. लेकिन इसके खराब होने से दांतों की समस्याएं बढ़ने लगती हैं. दांतों की संवेदनशीलता के कारण: अम्लीय खाद्य पदार्थों और बेरीज का सेवन: जो लोग बहुत अधिक अम्लीय खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन करते हैं, उनके दांतों का रंग, चमक और परतें खराब होने लगती हैं. इससे इनेमल को नुकसान पहुंचता है और दांत संवेदनशील हो जाते हैं. इसके अलावा, अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से भी दांतों को नुकसान पहुंचने लगता है.


एसिडिटी की समस्या: जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या होती है, उन्हें अक्सर दांतों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गैस्ट्राइटिस से पीड़ित लोगों की लार अम्लीय हो जाती है और पीएच लेवल प्रभावित होने लगता है. इसका असर दांतों पर दिखने लगता है, जो संवेदनशीलता को नुकसान पहुंचाता है. डीप बाइट की समस्या: डीप बाइट से दांतों की परत को नुकसान पहुंचता है. जिन मरीजों को डीप बाइट की समस्या है यानी अगर ऊपरी दांत मसूड़ों को छू रहे हैं, तो यह डीप बाइट की श्रेणी में आता है.




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