मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं वैश्विक स्तर पर बढ़ती हुई रिपोर्ट की जा रही हैं। भारतीय लोगों के लिए भी ये बड़ी चिंता का कारण है। डेटा से पता चलता है कि भारत में युवा आबादी में मनोरोगों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से भारत की टोल-फ्री मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन, टेली-मानस को 3.5 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं। इनमें से मानसिक स्वास्थ्य की अधिकांश शिकायतें नींद की गड़बड़ी से संबंधित थीं।
गौरतलब है कि टेली मानस हेल्पलाइन, देशभर में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर परेशान लोगों को मुफ्त सहायता प्रदान करने का माध्यम है। इसपर सहायता के लिए जितने कॉल्स आ रहे हैं उनमें से ज्यादातर समस्याओं के लिए नींद में कमी को जिम्मेदार पाया जा रहा है।
टेलीमानस पर आने वाली सभी कॉल में से 14 फीसदी से अधिक में नींद से संबंधित दिक्कतों को प्रमुख कारण पाया गया है।
तनाव-चिंता विकार के भी केस
टेली मानस पर मानसिक स्वास्थ्य की सहायता के लिए आ रही कॉल्स में से मूड की गड़बड़ी की 14% शिकायतें, तनाव की 11% और चिंता विकार के करीब 9% केस सामने आए हैं। करीब 3 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उन्हें मानसिक स्वास्थ्य विकारों के कारण आत्मघाती विचार आ रहे हैं।
हेल्पलाइन पर कॉल करने वाले पुरुषों की संख्या काफी अधिक है, जो कुल कॉल का 56% है। इनमें से ज़्यादातर कॉल करने वाले (72%) 18 से 45 आयु वर्ग के हैं, जो दर्शाता है कि युवा आबादी में मानसिक स्वास्थ्य विकारों के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
वीडियो कॉल पर डॉक्टर देंगे सहायता
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर केंद्र सरकार ने तीन राज्यों से वीडियो कॉल पर डॉक्टर की सलाह लेने की सुविधा शुरू की। बृहस्पतिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टेली मानस मोबाइल एप का अपडेट वर्जन लॉन्च किया। अभी तक इसमें ऑडियो की सेवा शामिल थी लेकिन अब वीडियो को भी इसमें शामिल किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव आराधना पटनायक ने बताया कि अभी कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और तमिलनाडु में मोबाइल एप सेवा शुरू की जा रही है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
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