Friday, 9 November 2018

अब लौट आइए सेहत की ओर, दूर करें त्योहारों की थकान, अपनाएं ये Tips

त्योहार के मौसम में सबसे पहले सेहत की ही अनदेखी होती है। खान-पान बिगड़ जाता है, भाग-दौड़ थका देती है और हवा में प्रदूषण तो है ही। चूंकि ठंड दस्तक दे चुकी है, तो जरूरत है अपनी दिनचर्या ठीक करने की।

health Tips

शमीम खान,नई दिल्लीUpdated: Fri, 09 Nov 2018 05:43 PM IST

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त्योहारों के दौरान अनियमित जीवनशैली, व्यस्तता, बढ़ा हुआ धूल और धुएं का स्तर, सेहत पर बुरा असर डालने लगते हैं। इस वजह से शरीर में टॉक्सिन्स यानी विषैले तत्वों की मात्रा बढ़ने लगती है। एसिडिटी और कब्ज भी परेशान करने लगते हैं। सेहत को पटरी पर वापस लाने के लिए सबसे पहले शरीर के आंतरिक तंत्र को विषैले और हानिकारक रसायनों से मुक्त करना जरूरी हो जाता है। कुछ दिन के लिए कुछबातों का ध्यान रखना शरीर को टॉक्सिन फ्री करने में मदद कर सकता है।

खान-पान में बदलाव करें
एल्कोहल, कॉफी, धूम्रपान, रिफाइंड शुगर और सैचुरेटेड फैट, ये सब शरीर में विषैले तत्व बढ़ाते हैं, जिससे शरीर की कार्यप्रणाली गड़बड़ाने लगती है।

खूब पानी पिएं
एक अच्छी डिटॉक्स डाइट में 60 प्रतिशत तरल और 40 प्रतिशत ठोस खाद्य पदार्थ होना चाहिए। शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने का पहला नियम है कि खूब पानी पिएं। शरीर में पानी की कमी न होने दें।

फल खाएं व जूस पिएं
मौसमी फलों का जूस पिएं। पपीता और खीरे का जूस भी आंतों की सफाई करता है। अंगूर का रस न पिएं। यह सफाई की प्रक्रिया में ब्लॉकिंग एजेंट के रूप में काम करता है।

खूब सब्जियां खाएं
पपीता और अनन्नास, दोनों ही पेट को फायदा पहुंचाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, फूलगोभी, पत्तागोभी और ब्रोकली का सेवन करें। प्याज भी अच्छा क्लींजिंग एजेंट है। शलजम लिवर को डिटॉक्स करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कम मसालेदार उबली हुई सब्जियां खाएं।

बीजों की ताकत
अलसी, तिल, सूरजमुखी और कद्दू के बीजों का सेवन करें। ताकत भी मिलेगी और जरूरी पोषक तत्वों का पोषण भी।

कैसे करें शुरुआत
सप्ताह में एक बार डिटॉक्स डाइट पर रहें। चार सप्ताह तक ऐसा करें। वजन ज्यादा है तो सप्ताह में दो बार भी डिटॉक्स डाइट अपना सकते हैं। इस दौरान कैफीन युक्त चीजें न लें। अधिक चीनी व नमक न खाएं। जंक फूड का सेवन न करें। सप्ताह में एक से दो दिन ही पर्याप्त है, वरना कमजोरी महसूस होने लगेगी।

किस तरह होता है असर
हल्का व सुपाच्य भोजन पाचन तंत्र को राहत देता है। अंगों पर कम दबाव पड़ता है। लिवर की कार्य क्षमता बढ़ने से विषैले तत्व तेजी से बाहर निकलने लगते हैं। किडनी, आंत और त्वचा की अंदरूनी सफाईहोती है। रक्त संचार बेहतर होने के साथ दर्द व सूजन जैसे लक्षणों में भी कमी आती है। कमर या पैरों में दर्द की समस्या है तो पहले मसाज, गर्म व ठंडे पानी की सेंक या फिजियो-थेरेपी की मदद से दर्द व सूजन को कम करने पर ध्यान दें। डॉक्टर के बताएं व्यायाम को नियमित करें।

पेट को दें आराम
- दिन की शुरुआत एक गिलास गुनगुने पानी से करें। इसमें आधा चम्मच शहद और एक चम्मच नीबू का रस भी मिला लें।
- खाने के साथ सलाद, दही, छाछ और सूप जरूर लें।.
- अधिक मसालेदार भोजन न करें।
- हल्के-फुल्के नाश्ते के तौर पर केला, मखाना या पोहा आदि लें।

थकान दूर करें
त्योहारों के दौरान पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है। उस पर अगर नींद पूरी नहीं हुई है तो थकान का असर पूरे शरीर पर पड़ने लगता है। अधिक तला-भुना खाने से परहेज करें। साथ ही नींद पूरी करने पर ध्यान दें। नियमित व्यायाम करने से रक्त संचरण सुधरता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।

दमा रोगी रखें ध्यान
दिवाली के तुरंत बाद वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड का प्रतिशत 10 गुना और विषैले तत्वों की मात्रा 2-3 गुना तक बढ़ जाती है। कई जगह प्रदूषण का स्तर 200 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। धुंध के कारण प्रदूषक तत्व हवा में नीचे ही रहने लगते हैं। बेहतर है कुछ दिन तड़के सुबह घर से बाहर न निकलें। मास्क पहन कर रखें। दवाएं लेने में लापरवाही न बरतें। ये उपाय श्वास नली को आराम देंगे। सुबह घर में ही सांस से जुड़े व्यायाम करें। - शमीम खान

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