Thursday, 24 October 2024

Best important Foods for Glowing Skin

 

Skin that is soft, smooth, and glowing is a goal for everyone. Numerous commercials promote various creams containing numerous essential ingredients. We frequently buy these creams based on their claims, only to be let down after a few uses.

For healthy, glowing skin, dermatologists recommend controlling and maintaining your diet in the right way. Some foods are referred to as "superfoods" because they contain numerous healthy oils, essential vitamins, and minerals for our bodies to function normally.

You consume a wide range of foods every day. In the frantic pace of city life, it is only natural to turn to fast food for convenience and ease. However, you are unaware that these are extremely irritating to the skin. As a result, you must enjoy cooking at home frequently. When you prepare meals at home, you have complete control over the ingredients and can personalize them to suit your preferences.

Why don't you focus on what you eat? Since ancient times, it has been known that what you eat affects how your skin looks. The following are some foods that can give you glowing skin in a month:

·         Almonds

Almonds Almonds are the best source of vitamin E, so eat a handful of them between meals to prevent hunger. The health of your skin depends on this vitamin. Fresh salads can be made with roasted almonds or left alone. Almonds are an essential food for glowing skin in either case.

·         Avocados

Avocados contain a lot of Vitamin E and a variety of healthy oils. One of the most well-liked superfoods in the world is this. It is typically consumed on toast with eggs or as a thickener in shakes. Due to its abundance of necessary vitamins and minerals, this is one of the most effective foods for glowing skin. Almond milk can be used to make tea and coffee and is a great vegan alternative to cow's milk. milkshakes and anything else made with milk .

·         Sweet Potato

Sweet potatoes are a good source of Vitamin A, which is necessary for the body to function properly. Vitamin A controls oil production and reduces the incidence of acne, both of which help to maintain the surface health of the skin. It can be baked with butter or boiled with chutney. In either case, it tastes good and helps your skin look and feel younger.

·         Cinnamon

Cinnamon is a spice that makes you feel warm inside. This indicates that it improves blood flow throughout the body. Vitamins and minerals, among other important nutrients, are delivered to every part of the skin as a result of this. Because of this, cinnamon is an essential superfood for glowing skin. The skin will be more oxygenated and have a much smoother texture if there is better blood circulation. 

Spice up curries, milkshakes, and baked goods like cakes, muffins, and cookies with cinnamon. If you want to give your skin a glow, this will not let you down.

·         Spinach

Spinach is an excellent food that is high in iron and fiber for healthy skin. A healthy gut necessitates a diet rich in fiber. In the long run, healthy skin is correlated with healthy gut. Because it makes a substance called haemoglobin, which binds to red blood cells and aids in oxygen transport throughout the body, iron is an extremely important mineral for oxygen circulation in the blood. The skin will be more hydrated, nourished, and glowing the more oxygen is circulated to it.

 You can get the glowing skin you've always wanted with these superfoods. These have all of the essential food groups, like fiber, protein, vitamins, and minerals, which help maintain overall healthy skin. Omega-3 fatty acids, which further aid in maintaining skin that is supple and radiant, can be found in certain foods. Try these on a regular basis to see for yourself the benefits. It will take at least a month to see results from these natural remedies. It has been demonstrated that these foods for healthy skin produce the desired outcomes.

Wednesday, 23 October 2024

नाखूनों पर बनने लगे हैं सफेद निशान? जानें किस बीमारी का हो सकता है संकेत

 


White Spots On Nails : अगर अचानक से नाखून गुलाबी की जगह सफेद हो जाए तो इसे नजरअंदाज न करें. ये गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं. सही डाइट और नियमित देखभाल से इससे बचा जा सकता है. दरअसल, नाखूनों से सेहत का आसानी से पता लगाया जा सकता है. जब भी हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो वे हमारे नाखूनों को देखकर बीमारी का पता लगा सकते हैं. हाथ-पैर के नाखूनों पर सफेद निशान का एक कारण ल्यूकोनीशिया (Leukonychia) भी हो सकता है.

इसमें नाखून की प्लेट को गंभीर नुकसान होता है. इसमें उनका रंग बदल जाता है. अगर नाखून सफेद हो रहे हैं तो तुरंत अलर्ट हो जाएं. इसका कारण जानकर सही इलाज करवाना चाहिए.

नाखून सफेद होने के कारण

मैनीक्योर के साइड इफेक्ट्स

मैनीक्योर करवाने से नाखूनों के नीचे की स्किन को नुकसान हो सकता है. इसे नेलबेड कहते हैं. इसकी जह से नाखूनों पर सफेद धब्बे या निशान आ सकते हैं. अगर नाखून को मैनीक्योर करने के लिए शॉर्प इक्युपमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं तो भी नुकसान हो सकता है और सफेद धब्बे आ सकते हैं, जो नाखूनों को बार-बार नुकसान पहुंचने का इशारा भी करते हैं. इससे नाखून फट, छिल और कमजोर हो सकते हैं.

फंगल इंफेक्शन की वजह से नाखूनों का सफेद होना

नाखूनों का सफेद होना फंगल इंफेक्शन भी हो सकता है. जब वातावरण के रोगाणु नाखूनों या आसपास की स्किन की छोटी-छोटी दरारों में चले जाते हैं और उससे फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है. इसकी वजह से नाखून टूटने लगते हैं, मोटे हो जाते हैं, उनका रंग पीला, भूरा या सफेद हो जाता है.

मिनरल्स की कमी की वजह से

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि नाखूनों का सफेद होना कैल्शियम और जिंक जैसे मिनिरल्स की कमी के संकेत हैं. नेल प्लेट कुछ अनुपात में कई तरह के पोषक तत्वों से ही बने होते हैं. जब इनमें कमी आती है तो नाखून सफेद होने लगते हैं.

दवाईयों की वजह से

कुछ दवाईयां भी नाखूनों के सफेद होने का कारण हो सकती हैं. इनकी वजह से नाखूनों में व्हाइट लाइंस नजर आती हैं. ये दवाईयां धीमी नाखून ग्रोथ, नाखून पतले और टूटने जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं. इनमें कैंसर के लिए कीमोथेरेपी,रेटिनोइड्स, सल्फोनामाइड्स और क्लोक्सासिलिन जैसी कई दवाईयां शामिल हैं.

किसी जहरीले मेटल के संपर्क में आने से

नाखून का सफेद होना इस बात का भी संकेत हो सकता है कि आप आर्सेनिक और थैलियम जैसे जहरीले मेटल्स के संपर्क में आए हैं. ऐसा तब हो सकता है जब खा दूषित खाना खाते हैं या किसी इंडस्ट्रियल एरिया में रहते या जाते हैं. इस कारण नाखूनों में मीस लाइन्स नाम की सफेद बैंड हो सकते है, जो नाखूनों के सफेद होने के कारण हो सकते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Eye Care Tips : आंखों की रोशनी बढ़ा देंगी ये देसी चीजें, आज ही खाने में करें शामिल, उतर जाएगा चश्मा
















 Eye Care Diet: उम्र बढ़ने के साथ-साथ आंखों की रोशनी कम होने लगती है. आंखों में धुंधलापन या फिर बार-बार आंसू आने जैसी समस्या देखने को मिलने लगती है. घंटो मोबाइल देखने और लैपटॉप पर काम करने से कम उम्र में ही यह समस्याएं होने लगी हैं. आजकल तो इसकी वजह से छोटी सी उम्र में ही आंखों पर चश्मा लग जाता है. आंखों की रोशनी (Eye Care Tips ) दुरुस्त रखने के लिए खानपान काफी महत्वपूर्ण होता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे देसी चीजें, जिन्हें खाने से आपकी आंखों की रोशनी तेज होगी और आंखों से चश्मा भी उतर जाएगा. आइए जानते हैं...


आंखों में क्या-क्या समस्याएं होती हैं

  • कम या धुंधला दिखना

  • आंखों में दर्द होना

  • आंखों में खुजली होने की समस्या

  • पास की चीजें देखने में समस्या होना

  • आंखों का लाल पड़ना

  • रात में ठीक से न देख पाना

  • आंखों में बार-बार पानी आना

  • आंखों का सूखना 


आंखों की रोशनी बढ़ा देंगी ये देसी चीजें

अगर आप हर दिन की डाइट में कुछ चीजों का सलाद शामिल कर लें तो आपकी आंखों की रोशनी अच्छी हो जाएगी. दरअसल, सलाद में एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन पाए जाते हैं. जो आंखों को पोषण देते हैं. इतना ही नहीं मोतियाबिंद जैसी गंभीर समस्याओं से भी बचाते हैं. इसलिए हर दिन खाने में सलाद निश्चित रूप से शामिल होना चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट भी इसकी सलाह देते हैं. 

इन चीजों का सलाद फायदेमंद

चुकंदर का सलाद

गाजर का सलाद

शिमला मिर्च का सलाद

मूली का सलाद

आइसबर्ग सलाद के पत्ते

हेल्दी होते हैं ये सलाद

इन सलाद में आंखों की रोशनी बढ़ाने वाले सभी तरह के तत्व और जरूरी पोषक पाए जाते हैं. इसमें आंखों को हेल्दी बनाने वाले विटामिन ए, विटामिन ई और राइबोफ्लेविन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. ये आंखों को की तरह से फायदा पहुंचाते हैं और उनकी लाइफ को बढ़ाने का काम करती हैं.

Tuesday, 22 October 2024

Dementia: फ्लू और हर्पीस जैसे इंफेक्शन से बढ़ सकता है डिमेंशिया का रिस्क, जानिए क्या कहती है स्टडी






Dimentia And Infection: फ्लू (flu)ऐसा सीजनल इंफेक्शन है जो ज्यादातर लोगों को हो जाता है. लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि फ्लू, हर्पीस (herpes) संक्रमण या रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट जैसे संक्रमण डिमेंशिया (dementia)के रिस्क को बढ़ा सकते हैं.

जी हां, हाल ही में पब्लिश एक स्टडी में कहा गया है कि फ्लू और हर्पीस जैसे संक्रमण ब्रेन अट्रॉफी और डिमेंशिया से जुड़े हैं और अगर संक्रमण लगातार बने रहें तो डिमेंशिया के रिस्क बढ़ जाते हैं. इस स्टडी में उन जैविक कारकों का भी संकेत दिए गया जो न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज में योगदान करते हैं. नेचर एजिंग में छपी इस स्टडी में अल्जाइमर बीमारी और डिमेंशिया के बारे में एक उपयोगी डेटा प्रदान किया गया है.

फ्लू और हर्पीस इन्फेक्शन से बढ़ सकता है डिमेंशिया
अन्य स्टडी में पता चला है कि फ्लू के शॉट्स और शिंगल्स वैक्सीन के जरिए डिमेंशिया के रिस्क को कम किया जा सकता है. फ्लू और हर्पीस जैसे संक्रमण आगे जाकर स्ट्रोक और दिल के दौरे के भी कारण बन सकते हैं. स्टडी में कहा गया है कि कुछ गंभीर संक्रमण जैसे फ्लू, हर्पीस और सांस की नली का इन्फेक्शन मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है.

यहां तक कि छोटे मोटे इंफेक्शन भी दिमाग की सोचने और समझने की प्रोसेस को इफेक्ट कर सकते हैं. इससे दिमाग के व्यवहार करने का तरीका भी बदल सकता है. जबकि गंभीर संक्रमण दिमाग की क्षमता और इम्यून रिस्पांस के लिए कतई अच्छा नहीं है. स्टडी में कहा गया है कि ये सोचा जाना कि कोई संक्रमण न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज में बड़ी भूमिका निभा सकता है, फिलहाल संभव नहीं है लेकिन कोरोना महामारी के बाद इस बारे में सोचा जाने लगा है.

वैस्कुलर डिमेंशिया का रिस्क बढ़ता है
इस स्टडी में जिन संक्रमणों की जांच की गई, इनमें फ्लू, हर्पीस, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और स्किन इंफेक्शन शामिल हैं. ये सभी ब्रेन लॉस यानी ब्रेन अट्रॉफी से जुड़े पाए गए हैं. स्टडी में कहा गया है कि ये संक्रमण तुरंत डिमेंशिया के खतरे को नहीं बढ़ाते हैं. इनके होने के सालों बाद डिमेंशिया और अल्जाइमर के जोखिम बढ़ जाते हैं. ये बढ़ा हुआ रिस्क वैस्कुलर डिमेंशिया से जुड़ा है. वैस्कुलर डिमेंशिया अल्जाइमर के बाद दूसरे सबसे बड़े मनोभ्रंश के रूप में पहचाना जाता है क्योंकि ये दिमाग में खून के रुकने से होता है.  

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Monday, 21 October 2024

क्या होता है Orthosomnia, जिसमें उड़ जाती है नींद? दिनभर सोने का करता है मन


 Orthosomnia : अच्छी नींद के चक्कर में अपनी नींद बिगाड़ लेना भी एक तरह की बीमारी है. जिसे ऑर्थोसोमनिया कहते हैं. इसमें लोग नींद को लेकर ओवर कॉन्शियस हो जाते हैं. नींद पूरी करने का उनमें जुनून सा हो जाता है. ऑर्थोसोमनिया (Orthosomnia) दो शब्दों से लेकर मिलकर बना है.

ऑर्थो का मतलब सीधा और सोमनिया का मतलब नींद होता है. इस बीमारी की चपेट में ऐसे लोग ज्यादा आते हैं, जो फिटनेस ट्रैकर की मदद से अपनी नींद को घड़ी-घड़ी ट्रैक करने की कोशिश करते रहते हैं. आइए जानते हैं ऑर्थोसोमनिया कितनी बड़ी समस्या है और इससे कैसे बच सकते हैं...

ऑर्थोसोमनिया बीमारी क्यों होती है?

2020 में एक रिसर्च में पाया गया कि एक तरफ दुनिया में नींद की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, लोग स्मार्टफोन और वर्क प्रेशर जैसे फैक्टर्स के चलते नींद पूरी नहीं कर पा रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी नींद को कंट्रोल करके उसे परफेक्ट बनाने में जुटी हैं.

इसके लिए वे हद से ज्यादा कॉन्शियस हो जाते हैं. अच्छी नींद के लिए डाइट से लेकर हर चीज करते हैं. परफेक्ट नींद के लिए नींद पैर्टन चेक करते हैं. इसके लिए स्लीप ट्रैकिंग डिवाइस, फिटनेस ट्रैकर, स्मार्टवॉच, माइक्रोफोन और एक्सेलेरोमीटर जैसे डिवाइस और स्लीप ऐप का सहारा लेते हैं.

ऑर्थोसोमनिया के क्या खतरे हैं?

नींद को ट्रैक करने के चक्कर में ज्यादातर लोग अच्छी नींद ही नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे लोग सोने से लेकर जागने तक का पैटर्न चेक करते हैं. नींद को सही करने के लिए अच्छी नींद भी खराब कर बैठते हैं. जिसकी वजह से उन्हें कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ रहा है.

इसके लिए वे हद से ज्यादा कॉन्शियस हो जाते हैं. अच्छी नींद के लिए डाइट से लेकर हर चीज करते हैं. परफेक्ट नींद के लिए नींद पैर्टन चेक करते हैं. इसके लिए स्लीप ट्रैकिंग डिवाइस, फिटनेस ट्रैकर, स्मार्टवॉच, माइक्रोफोन और एक्सेलेरोमीटर जैसे डिवाइस और स्लीप ऐप का सहारा लेते हैं.

ऑर्थोसोमनिया के क्या खतरे हैं?

नींद को ट्रैक करने के चक्कर में ज्यादातर लोग अच्छी नींद ही नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे लोग सोने से लेकर जागने तक का पैटर्न चेक करते हैं. नींद को सही करने के लिए अच्छी नींद भी खराब कर बैठते हैं. जिसकी वजह से उन्हें कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ रहा है.

Wednesday, 16 October 2024

अब आपके आसपास भी नहीं फटकेगा मोटापा, इस बीमारी को जड़ से ही खत्म कर देगी यह खास तकनीक

 


हालांकि, यह थेरेपी अभी शुरुआती चरण में है. लेकिन अगर यह मनुष्यों में प्रभावी साबित होती है. तो आहार संबंधी मोटापे के इलाज के रूप में इसकी बहुत संभावना है. 2022 में, दुनिया भर में 43% वयस्क अधिक वजन वाले थे. इनमें से 16% मोटापे से ग्रस्त थे। जैसा कि बहुत से लोग पहले से ही जानते होंगे. अधिक वजन और मोटापे से टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और कुछ कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.



रिसर्च के बावजूद यह समझ में आया कि शरीर में वसा का चयापचय कैसे होता है. आंत में इसके अवशोषण को रोकने का एक प्रभावी तरीका पहचानना पहुंच से बाहर है. हालांकि, एक नए अध्ययन में इसका उत्तर हो सकता है. मौखिक नैनोकण जो वसा अवशोषण के लिए जिम्मेदार एंजाइम के उत्पादन को कम करने के लिए सीधे छोटी आंत पर काम करते हैं.


शंघाई के टोंगजी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. वेंटाओ शाओ और अध्ययन के लेखकों में से एक ने कहा, सालों से, शोधकर्ता वसा चयापचय का अध्ययन कर रहे हैं. लेकिन वसा अवशोषण को रोकने का एक प्रभावी तरीका खोजना मुश्किल रहा है.जबकि अधिकांश रणनीतियां आहार वसा के सेवन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं. हमारा दृष्टिकोण शरीर की वसा अवशोषण प्रक्रिया को सीधे लक्षित करता है.


एंजाइम स्टेरोल ओ-एसाइलट्रांसफेरेज़ 2 (SOAT2) है, जो SOAT2 जीन द्वारा एन्कोड किया गया है. यकृत कोशिकाओं (हेपेटोसाइट्स) और आंत की परत में अवशोषक कोशिकाओं (एंटरोसाइट्स) में विशिष्ट रूप से उपस्थित SOAT2 का, धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस या प्लाक निर्माण के विकास में इसकी भूमिका के संबंध में व्यापक रूप से अध्ययन किया गया है.


यह तकनीक वसा कोशिकाओं को मारने के लिए प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों को उत्पन्न करने के लिए प्रकाश-संवेदनशील अणुओं का उपयोग करती है.




यह तकनीक सफेद वसा ऊतक को भूरे वसा ऊतक की विशेषताओं को प्राप्त करने का कारण बनती है

Tuesday, 15 October 2024

Health Benefits: खाली पेट महिलाओं को रोजाना खानी चाहिए 2 खजूर, फायदे जानकर आज से ही कर देंगे शुरू

 


खजूर प्रजनन क्षमता, ओव्यूलेशन, हार्मोन संतुलन और प्रसव प्रक्रिया में मदद कर सकता है. खजूर से मिलने वाले पराग प्रजनन क्षमता और हार्मोनल समस्याओं में भी मदद कर सकते हैं.


खजूर ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकते हैं, जो एनीमिया और कम मासिक धर्म की समस्या में मदद कर सकता है.खजूर पोषक तत्वों, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जो भ्रूण के विकास में सहायता कर सकता है और मातृ स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है.


खजूर में पोटैशियम भी अधिक होता है, जो गर्भावस्था के दौरान इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. खजूर बवासीर के विकास के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है, जो गर्भावस्था के दौरान एक आम समस्या है.

खजूर में मैग्नीशियम की उच्च मात्रा होने के कारण पीएमएस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है.खजूर को परिष्कृत चीनी और कृत्रिम स्वीटनर के विकल्प के रूप में प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

खजूर में आयरन, कैल्शियम और जिंक भी अधिक होता है, जो अन्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है.



वे मधुमेह और प्रीडायबिटीज वाले लोगों को भी लाभ पहुंचाते हैं क्योंकि खजूर में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में सूजन को कम कर सकते हैं क्योंकि वे पॉलीफेनोल के साथ-साथ कई अन्य पोषक तत्वों और यौगिकों में उच्च होते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध में सहायता करते हैं. हालांकि, यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो उन्हें खाने से पहले अपने डॉक्टर से पुष्टि करना उचित है.