Showing posts with label डेंगू-मलेरिया. Show all posts
Showing posts with label डेंगू-मलेरिया. Show all posts

Tuesday, 1 October 2024

Health Alert: देशभर में बढ़ रहे हैं डेंगू-मलेरिया के मामले, दोनों के लक्षण बिल्कुल एक जैसे; कैसे करें अंतर?


 

देश के कई राज्य इन दिनों मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप झेल रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस साल मानसून का असर अधिक रहने के कारण बाढ़-जलजमाव जैसी स्थिति भी अधिक देखी गई है जिसके कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। जुलाई-अगस्त के माह में कर्नाटक और फिर असम में डेंगू के कारण पिछले कई सालों के रिकॉर्ड टूट गए। राजधानी दिल्ली-एनसीआर में भी मच्छरों से होने वाली बीमारियों के केस पिछले कुछ हफ्तों में बढ़े हैं।


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेंगू के साथ-साथ मलेरिया के रोगियों की संख्या भी अधिक देखी जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अकेले शुक्रवार को ही लखनऊ में डेंगू के 39 और मलेरिया के तीन नए मामले सामने आए। इसके साथ अब शहर में मच्छर जनित बीमारियों का आंकड़ा 837 पहुंच गया है। इसमें डेंगू के 429 और मलेरिया के 408 मामले हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को मच्छरों के काटने से बचने के लिए प्रयास करते रहने की सलाह दी है। 

दिल्ली-एनसीआर में कैसे हैं हालात?

उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी भी डेंगू-मलेरिया का प्रकोप झेल रही है। सितंबर-अक्तूबर में हर बार इस रोग के कारण बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राजधानी में सितंबर के आखिरी हफ्तें में डेंगू के 300 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इस साल 20 सितंबर तक दिल्ली में डेंगू के कुल 1229 मामले दर्ज किए गए और दो लोगों की मौतें भी हुई।

डेंगू के साथ मलेरिया के आंकड़े भी स्वास्थ्य विशेषों के लिए चिंता बढ़ा रहे हैं। 26 सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में मलेरिया के 363 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये आंकड़ा 294 था। 


क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

अमर उजाला से बातचीत में दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल के डॉ अरविंद कुमार बताते हैं, डेंगू हो या मलेरिया इसका खतरा सभी उम्र के लोगों को होता है। बच्चों में डेंगू के गंभीर रूप लेने का जोखिम अधिक देखा जाता है। डेंगू की गंभीर स्थिति में प्लेटलेट्स काउंट कम होने और आंतरिक रक्तस्राव का खतरा रहता है जिसके जानलेवा दुष्प्रभाव हो सकते हैं। वहीं मलेरिया के कारण भी स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है।

डेंगू और मलेरिया के शुरुआती लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं, ऐसे में इसमें अतंर कर पाना कठिन हो सकता है।आइए जानते हैं कि इसकी पहचान कैसे की जा सकती है।
डेंगू में क्या होते हैं लक्षण?

डेंगू की स्थिति में अचानक तेज बुखार आने के साथ सिरदर्द, आंखों में जलन, भूख न लगने की समस्या, मसूड़ों से खून आने और त्वचा पर चकत्ते-दाने निकलने की दिक्कत हो सकती है। गंभीर स्थितियों में डेंगू के कारण ब्लड प्लेटलेस्टस काउंट कम होने लग जाता है। प्लेटलेट्स खून का थक्का बनाने में मदद करते हैं, ऐसे में इसकी कमी हो जाने के कारण रक्तस्राव होने लगता है जिसके कारण स्थिति बिगड़ सकती है।
मलेरिया में क्या होता  है?

मलेरिया भी मच्छरों के काटने से होने वाला बुखार है, इसमें भी अधिकतर लक्षण डेंगू के जैसे ही होते हैं। मलेरिया के कारण बुखार के साथ ठंड लगने, उल्टी, सूखी खांसी, पसीना आने और बेहोशी की समस्या होने का खतरा रहता है। गंभीर स्थितियों में मलेरिया के कारण चेतना में कमी, सांस लेने में कठिनाई, गहरे रंग का या पेशाब से खून आने की समस्या हो सकती है।
डेंगू और मलेरिया में क्या अंतर है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इन दिनों अगर आप तेज बुखार की समस्या के साथ परेशान हैं तो पहले ये जानना जरूरी है कि आपको डेंगू है या मलेरिया? 

मलेरिया में शाम को बुखार बढ़ने के साथ कमजोरी और ठंड लगने की दिक्कत हो सकती है जबकि डेंगू में तेज बुखार के साथ जोड़ों, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द के साथ त्वचा पर चकत्ते और दाने होने लगते हैं। इन लक्षणों के साथ आप बीमारी में आसानी से अंतर कर सकते हैं। हालांकि बीमारी की पुष्टि के लिए डॉक्टर के सलाह पर ब्लड टेस्ट जरूर कराएं। इन दोनों बीमारियों का समय पर इलाज प्राप्त करना बहुत जरूरी है।

नोट: यह लेख डॉक्टर्स का सलाह और मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।