Wednesday, 18 September 2024

थायरॉइड की समस्या से हैं परेशान? तो रोजाना इन चार चीजों के सेवन से मिलेगा फायदा

 हम कैसा खाना खा रहे हैं? हमारा खाना हेल्दी है या नहीं? हमारे खाने में पोषक तत्व हैं या नहीं? हम समय पर खाना खा रहे हैं या नहीं? ऐसी नजाने कितनी बातें हमारे खानपान के लिए बेहद जरूरी हैं, क्योंकि अगर हमें बीमारियों से बचे रहना है तो एक हेल्दी डाइट का होना बेहद जरूरी है। हमारा पौष्टिक आहार हमें स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने में मदद करता है। दरअसल, हमारे आसपास कई ऐसी बीमारियां मौजूद हैं जो पलक झपकते ही हमें अपना शिकार बना लेती हैं। ऐसे में फिर अस्पताल के चक्कर और कई दवाओं का सेवन करना पड़ता है। वहीं, हम चाहें तो अपने खानपान से कई चीजों पर नियंत्रण रख सकते हैं। जैसे- थायरॉइड, क्योंकि कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका सेवन किया जाए, तो हमारा थायरॉइड कंट्रोल होने में मदद मिल सकती है। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।

एंटीऑक्सीडेंट से भरी सब्जियां और फल
  • हमें ऐसे फलों और सब्जियों का जरूर सेवन करना चाहिए, जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनमें टमाटर, शिमला मिर्च और ब्लूबेरी जैसी चीजें शामिल हैं। इनके सेवन से थायरॉइड की ग्रंथि को काफी लाभ पहुंच सकता है।
    कम आयोडीन वाली चीजें
    • आप उन चीजों का सेवन कर सकते हैं, जिनमें आयोडीन कम होता है क्योंकि ये थायरॉइड हार्मोन को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप बिना आयोडीन वाला नमक, कॉफी, नट-बटर, घर का बना ब्रेड, आलू, शहद, वाइट एग जैसी चीजों का सेवन कर सकते है।
      टायरोसिन
      • टायरोसिन अमीनो एसिड का उपयोग थायरॉइड ग्रंथि द्वारा टी3 और टी4 के उत्पादन के लिए किया जाता है। इसलिए आप डेयरी उत्पाद, फलियां और मीट जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं। इनसे आपको थायरॉइड मे काफी लाभ मिल सकता है।गोभी
      aaj ka health tips Eat these four foods to control thyroid
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      • वैसे तो हम कई तरह की सब्जियों का सेवन करते हैं। लेकिन आप गोभी का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि ये थायरॉइड को बढ़ने से रोकने में मदद करती है। इसके लिए आप ब्रोकली, कसावा, गोभी, पत्तागोभी, सरसों, शलजम, बांस की शाखा बोक टी जैसी चीजों का सेवन कर सकते हैं।

      नोट: प्रिया पांडेय योग्य और अनुभवी डायटिशियन (आहार विशेषज्ञ) हैं। उन्होंने कानपुर के सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय से मानव पोषण में बी.एस.सी. किया है। उन्होंने कानपुर के आभा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में आहार विशेषज्ञ के रूप में काम किया है। उन्होंने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पोषण व्याख्यान के विषय के प्रतिनिधि के रूप में भी भाग लिया है। उनका इस क्षेत्र में 8 वर्ष का लंबा अनुभव है। 

      अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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