Friday, 13 September 2024

Vitamin D Deficiency: विटामिन-डी की कमी मचा सकती है शरीर में हड़कंप, दर्द और अकड़न से हो जाएगा हाल बेहाल


 

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। विटामिन-डी, जिसे सनशाइन विटामिन भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए एक बेहद जरूरी पोषक तत्व है। यह हमारी हड्डियों, इम्यून सिस्टम और मूड को बेहतर बनाए रखने के साथ-साथ और भी कई चीजों के लिए जरूरी होता है। हालांकि, अक्सर लोगों में इस विटामिन की कमी (Vitamin D Deficiency) रहती है।

इसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें कमजोर हड्डियां, डिप्रेशन और थायरॉइड की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इसकी कमी से बचाव करना जरूरी है। इस आर्टिकल में, हम विटामिन-डी की कमी के कुछ सामान्य लक्षणों (Vitamin D Deficiency Signs) के बारे में जानेंगे और साथ ही, ये किन वजहों से होता है (Vitamin D Deficiency Causes) इस बारे में भी जानने की कोशिश करेंगे।

  • थकान- विटामिन-डी की कमी से अक्सर थकान और कमजोरी होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि विटामिन-डी हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है, जिससे ऊर्जा उत्पादन कम होता है।
  • हड्डियों का दर्द- विटामिन-डी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसकी कमी से हड्डियों में कमजोरी और दर्द हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि विटामिन-डी कैल्शियम के अवशोषण के लिए जरूरी है।
  • मांसपेशियों की कमजोरी- विटामिन-डी की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द हो सकता है। इससे मांसपेशियों के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
  • माइग्रेन- कुछ लोगों के लिए, विटामिन-डी की कमी से माइग्रेन या सिरदर्द हो सकता है।
  • मूड स्विंग्स- विटामिन-डी हमारे दिमाग के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसकी कमी से मूड स्विंग्स, चिंता और डिप्रेशन हो सकता है।
  • मुंहासे- विटामिन-डी की कमी से मुंहासे की समस्या बढ़ सकती है।
  • इन्फेक्शन- विटामिन-डी हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। लेकिन इसकी कमी से इम्युनिटी कमजोर होती है और बार-बार संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • बालों का झड़ना- विटामिन-डी बालों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसकी कमी से बालों का झड़ना हो सकता है।
  • दांतों की समस्याएं- विटामिन-डी दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसकी कमी से दांतों की समस्याएं जैसे कैविटी और मसूड़े की बीमारी हो सकती है।

विटामिन-डी की कमी के कारण (Vitamin D Deficiency Causes)

विटामिन-डी की कमी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-

  • धूप में कम रहना- विटामिन-डी मुख्य रूप से सूरज की रोशनी का हमारी त्वचा के संपर्क में आने से बनता है। यदि आप पर्याप्त समय धूप में नहीं बिताते हैं, तो आप में विटामिन-डी की कमी हो सकती है।
  • डाइट में विटामिन-डी की कमी- विटामिन-डी कुछ फूड आइटम्स में भी पाया जाता है, जैसे मछली, अंडे, और मशरूम। यदि आप इन फूड आइटम्स का भरपूर सेवन नहीं करते हैं, तो आपको विटामिन-डी की कमी हो सकती है।
  • मोटापा- मोटापा विटामिन-डी के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है।
  • कुछ दवाएं- कुछ दवाएं भी विटामिन-डी के अवशोषण को कम कर सकती हैं।
  • बुढ़ापा- उम्र बढ़ने के साथ विटामिन-डी का अवशोषण कम हो सकता है।

विटामिन-डी की कमी का इलाज

  • यदि आपको विटामिन-डी की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। वो ब्लड टेस्ट करके ये पता लगा सकते हैं कि आपके आपके शरीर में विटामिन-डी का स्तर क्या है और उसके मुताबिक इलाज बता सकते हैं।
  • हालांकि, विटामिन-डी की कमी का इलाज आमतौर पर विटामिन-डी की सप्लीमेंट्स लेने से किया जाता है। आपका डॉक्टर आपके शरीर की जरूरतों के आधार पर खुराक निर्धारित कर सकते हैं। इसके साथ ही, धूप में समय बिताने और विटामिन-डी से भरपूर फूड्स खाने से भी इसकी कमी को दूर किया जा सकता है।

संजीवनी से कम नहीं इस पेड़ के पत्ते, त्वचा रोग- दर्द से लेकर डायबिटीज तक में कारगर, जानें उपयोग


 ऋषिकेश: आयुर्वेद में नीम को अत्यधिक महत्व दिया गया है. यह एक शक्तिशाली औषधि है, जो विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है. नीम की पत्तियां, छाल और बीज सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. यह एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुणों से संपन्न है, जिससे यह त्वचा के रोगों, जैसे एक्जिमा और पिंपल्स, के इलाज में सहायक है. खाली पेट नीम का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करता है. इसके अतिरिक्त नीम का उपयोग शुगर लेवल को नियंत्रित करने और पाचन सुधारने में भी होता है.

नीम के औषधीय गुण
लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित कायाकल्प हर्बल क्लिनिक के डॉ राजकुमार (डी. यू. एम) ने बताया कि नीम का वैज्ञानिक नाम Azadirachta indica है. नीम के फायदे अत्यंत विविध और प्रभावशाली हैं. यह एक शक्तिशाली डिटॉक्सिफायर के रूप में काम करता है, जिससे शरीर की विषाक्तता कम होती है और अंगों की कार्यक्षमता बेहतर होती है. नीम की पत्तियों में जिंक और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स होते हैं, जो त्वचा के रोगों को दूर करने में सहायक हैं. इसका रस या तेल सूजन और दर्द में भी राहत प्रदान करता है. विशेषकर जोड़ों के दर्द में. इसके अलावा, नीम का उपयोग बालों को स्वस्थ और मजबूत बनाने में भी किया जाता है, क्योंकि यह स्कैल्प को साफ करता है और डैंड्रफ को कम करता है.कुल मिलाकर नीम एक सम्पूर्ण स्वास्थ्यवर्धक औषधि है.

खाली पेट नीम के पत्ते चबाने के फायदे

खाली पेट नीम के पत्ते चबाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं. यह शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करता है, जिससे पाचन तंत्र साफ रहता है. नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और संक्रमण से बचाते हैं. इसके नियमित सेवन से रक्तदाब नियंत्रित रहता है और ब्लड शुगर लेवल स्थिर होता है, जिससे डायबिटीज के रोगियों को लाभ होता है. नीम के पत्ते चबाने से त्वचा की समस्याएं भी कम होती हैं और शरीर की प्राकृतिक चमक बढ़ती है.

Hair Mask For Healthy Hair: झड़ते बालों से हैं परेशान तो इस्तेमाल करें ये घरेलू हेयर मास्क


 Hair Mask For Healthy Hair: बदलते मौसम और खराब लाइफस्टाइल का सीधा असर लोगों की त्वचा और बालों पर पड़ता है। त्वचा का ध्यान तो हममे से ज्यादातर लोग रख लेते हैं लेकिन परेशानी खड़ी होती है बालों की समस्याएं आने पर। हर किसी के लिए उसके बाल काफी अहम होते हैं, लेकिन खराब खानपान और मौसम में बदलाव की वजह से बाल तेजी से झड़ने लगते हैं।

अगर सही समय पर बालों का झड़ना न रोका जाए तो इससे आपकी परेशानी काफी ज्यादा बढ़ भी सकती है। अगर आप भी झड़ते बालों से परेशान हैं, तो यहां हम आपको एक ऐसे घरेलू हेयर मास्क के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके बालों को झड़ने से रोकेगा। इस हेयर मास्क में कई ऐसी चीजें डाली गई हैं, जो बालों को जड़ों से मजबूत बनाने में सहायक हैं। 


हेयर मास्क बनाने का सामान
  • अंडा – 1 
  • ऑलिव ऑयल - 2 चम्मच
  • शहद – 1 चम्मच
  • एलोवेरा जेल – 2 चम्मच
हेयर मास्क बनाने का तरीका



पहला स्टेप-  इस हेयर मास्क को बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में अंडा फोड़ें और उसे अच्छी तरह से फेंट लें।



दूसरा स्टेप - अंडा फेंटने के बाद इसमें जैतून का तेल मिलाएं। दोनों चीजों को एक साथ सही से मिक्स करें, ताकि इसका मिश्रण सही से तैयार हो पाए। 

तीसरा स्टेप-  शहद एक नैचुरल मॉइस्चराइजर है और स्कैल्प की नमी को बनाए रखने में मदद करता है। ऐसे में इसे अपने हेयर मास्क में सही से मिक्स करें। 

चौथा स्टेप-  सबसे आखिर में एलोवेरा जेल मिलाकर पेस्ट सही से मिक्स करें और इसे लगाने की तैयारी शुरू करें।  

ऐसे बालों में लगाएं



हेयर मास्क को ब्रश या हाथों से बालों की जड़ों और स्कैल्प पर लगाएं। ध्यान रखें कि इसे आप आसानी से बालों में 30-40 मिनट तक लगा रहने दे सकते हैं। इसके बाद हल्के शैंपू और गुनगुने पानी से बाल धो लें। मास्क लगाने के बाद बालों में तत्काल हीटिंग टूल्स का इस्तेमाल नहीं करें। 

ऐसे बालों में लगाएं


हेयर मास्क को ब्रश या हाथों से बालों की जड़ों और स्कैल्प पर लगाएं। ध्यान रखें कि इसे आप आसानी से बालों में 30-40 मिनट तक लगा रहने दे सकते हैं। इसके बाद हल्के शैंपू और गुनगुने पानी से बाल धो लें। मास्क लगाने के बाद बालों में तत्काल हीटिंग टूल्स का इस्तेमाल नहीं करें। 

डिसक्लेमर : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। त्वचा संबंधी किसी भी तरह की अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली 


Monday, 9 September 2024

Healthy Snacks: चिप्स, कुकीज को कहें ना, ऑफिस में लगी हल्की भूख के लिए चुनें ये हेल्दी ऑप्शन

 लाइफस्टाइल में गड़बड़ी और गलत खानपान लोगों को बीमार बना रही है. आप जब आपको ऑफिस में भूख लगे तो चिप्स, कुकीज या कोल्डड्रिंक की बजाय ये हेल्दी फूड अपने ऑफिस रूटीन में शामिल करें.



सोया नट्स : कुरकुरे और स्वादिष्ट, सोया नट्स सूखे सोयाबीन से बनाए जाते हैं. ये मंचीस फाइबर, प्लांट प्रोटीन और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. सोया नट्स खा कर आसानी से वजन घटाया जा सकता है और दिल का ख्याल रखने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत करने में मदद मिलती है. इसकी मंचिंग के अलावा आप इसे क्रंच के लिए सलाद या फिर बेक किए हुए डिश में मिला सकते हैं.


मखाना मखाना : या फॉक्स नट्स एक आइडियल स्नैक हैं क्योंकि इनमें गुड फैट होता है और लो सेचुरेटेड फैट कम होता है. डाइबिटीज और हार्ट डिसीज से पीड़ित लोगों के लिए भी सुरक्षित, फॉक्स नट्स हाई पोटेशियम और कम सोडियम का एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन है. मखाने स्वाद में बेहतरीन होते हैं और इसमें मसाले मिलाकर इसे और भी टेस्टी बनाया जा सकता है.

 

केले: एक केला हमारे शरीर को पूरे दिन एक्टिव और प्रोडक्टिव बने रहने के लिए एसेंशियल ग्लूकोज की पूरे दिन पूर्ती से करता है. केला फोकस रहने के लिए एनर्जी देता है और इसमें मौजूद कार्ब्स लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं.

   

सेब : कॉफी की तुलना में सेब एनर्जी का ज्यादा इफेक्टिव सोर्स है. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सेब में शुगर भी बहुत कम होती है. सेब एनर्जी और प्रोटीन का आइडियल कॉम्बिनेशन है जो केवल आपको सैटिस्फैक्शन देता है बल्कि आपको एक्टिव और शार्प बनाए रखने में भी मदद करता है.


बादाम : जब खाने के लिए हेल्दी ऑप्शंस की तलाश की जाती है, तो बादाम चार्ट में सबसे ऊपर आते हैं. हेल्दी फैट और एसेंशियल न्यूट्रिएंट्स से भरपूर, बादाम फोकस बढ़ाने में मदद करते हैं. बादाम में मौजूद प्रोटीन बिना थकान महसूस कराए भूख को कम करने में भी मदद करता है.