Thursday, 5 September 2024

Insulin: लगातार इंसुलिन लेने के क्या होते हैं नुकसान? जानें दवाओं से ये कितना खतरनाक

 इंसुलिन एक तरह का हार्मोन है जो शरीर नैचुरल तरीके से बनाता है. इंसुसिन ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल  करता है. डायबिटीज मरीजों में इंसुलिन नैचुरल तरीके से कम या बनना बंद कर देती है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जब किसी व्यक्ति के शरीर में में इंसुलिन ठीक से बनती नहीं है तो ऐसी स्थिति में डायबिटीज की बीमारी हो जाती है.



·         शरीर में ये काम करता है इंसुलिन

इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड में शुगर लेवल के लेवल को कंट्रोल में करता है. इसके इस्तेमाल से डायबिटीज मरीज का इलाज किया जाता है. इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा निर्मित होता है और ब्लड से ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाने में मदद करता है, जहां इसका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जा सकता है. साथ ही इंसुलिन शरीर की हर रक्त कोशिकाओं तक खून पहुंचनाने का काम भी करता है. यदि इस प्रोसेस में कोई परेशानी होती है तो व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है.

·         इस्तेमाल

इंसुलिन का उपयोग टाइप 1 और कभी-कभी टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है. टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को जीवित रहने के लिए इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता होती है.

·         प्रकार

इंसुलिन के विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें तेजी से काम करने वाले, कम समय तक काम करने वाले, लंबे समय तक काम करने वाले और मध्यम-कार्य करने वाले इंसुलिन शामिल हैं. तेजी से काम करने वाले इंसुलिन अन्य प्रकारों की तुलना में तेज़ी से काम करना शुरू करते हैं, लेकिन वे केवल कम समय तक चलते हैं.

·         इंसुलिन प्रतिरोध

इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जो आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, लेकिन इसके कोई लक्षण तब तक नहीं दिखते जब तक कि यह प्रीडायबिटीज़ या टाइप 2 मधुमेह में विकसित हो जाए. आप स्वस्थ वजन बनाए रखने, स्वस्थ आहार खाने और नियमित रूप से व्यायाम करके इंसुलिन प्रतिरोध को रोकने या उलटने का प्रयास कर सकते हैं.

हाइपोग्लाइसीमिया या कम रक्त शर्करा: जब आप ज़्यादा इंसुलिन लेते हैं, तो कोशिकाएं ज़्यादा शर्करा अवशोषित कर लेती हैं. जिससे रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है. इससे हाइपोग्लाइसीमिया यानी कम रक्त शर्करा हो सकता है. अगर रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाए, तो शरीर ठीक से काम नहीं कर पाता. गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षणों में दौरे और बेहोशी शामिल हो सकते हैं.

1.        वज़न बढ़ना: ज़्यादा इंसुलिन लेने से वज़न बढ़ सकता है.

2.        इंसुलिन एलर्जी: ज़्यादा इंसुलिन एलर्जी में मतली और उल्टी हो सकती है.

3.       इंजेक्शन स्थल पर प्रतिक्रिया: इंजेक्शन स्थल पर लालिमा, मलिनकिरण, खुजली, दर्द, और कोमलता हो सकती है.

4.       ऊपरी श्वसन संक्रमण: इंसुलिन लेने से ऊपरी श्वसन संक्रमण हो सकता है.

5.       लिपोडिस्ट्रोफ़ी: एक ही जगह पर बार-बार इंसुलिन इंजेक्ट करने से त्वचा की मोटाई में बदलाव हो सकता है. इससे उस जगह पर गड्ढे सकते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Friday, 30 August 2024

बार-बार UTI ब्लैडर कैंसर के हो सकते हैं लक्षण, जानें हेल्थ एक्सपर्ट की क्या राय है?


पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में अक्सर यूटीआई की बीमारी ज्यादा देखने को मिलते हैं. लेकिन अगर किसी महिला को बार-बार यह हो रहा है तो क्या ब्लैडर कैंसर की लक्षण हो सकते हैं?

कुछ महिलाओं को बार-बार यूटीआई की समस्या होती है. यूटीआई महिलाओं को अक्सर हो जाती है. वैसे तो यह आम इंफेक्शन है जिसे डाइट और दवा के जरिए ठीक किया जा सकता है. लेकिन जिन महिलाओं की इम्युनिटी काफी ज्यादा कमजोर है और वह साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखती हैं उन्हें यूटीआई होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. आज हम इस पर विस्तार से बात करेंगे कि क्या जिन महिलाओं को यूटीआई की समस्या ज्यादा होती है. उन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. 

UTI की समस्या क्यों होती है?

अगर किसी महिला को यूटीआई की समस्या बार-बार हो रही है तो सबसे पहली बात कि वह ठीक से दवा या डाइट फॉलो नहीं कर रही हैं. क्योंकि अगर आप ठीक से इलाज नहीं करवाएंगे तो दोबारा इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. पर्सनल हाईजीन न रखने के कारण भी यूटीआई की दिक्कत होने लगती है. जिसके कारण महिला को बार-बार यूटीआई होने लगता है. मेनोपॉज के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल कम होने लगता है. ऐसी स्थिति में प्राइवेट पार्ट में बैक्टीरिया पनपने लगता है और महिला को बार-बार यूटीआई की समस्या हो सकती है. 

बार-बार यूटीई हो रही है तो हल्के में न लें

ब्लैडर कैंसर: बार-बार UTI हो रही है तो उसे बिल्कुल भी हल्के में न लें क्योंकि यह कई सारी कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं. ब्लैडर कैंसर होने पर मरीज को बार-बार UTI हो सकती है. ऐसी स्थिति में यूरिन होल्ड करने में मुश्किल हो सकती है. बार-बार यूरिनेट के लिए जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. बार-बार टॉयलेट लगना और टॉयलेट के दौरान दर्द की समस्या हो सकती है. 

किडनी कैंसर: किडनी कैंसर होने पर भी किसी महिला को यूटीआई की समस्या हो सकती है. क्योंकि किडनी का काम है यूरिन को फिल्टर करना . जब किडनी काम करना बंद कर देती है तो इसका ब्लैडर हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. बार-बार यूटीआई होने से टॉयलेट करते वक्त दर्द होने लगता है. 

प्रोस्टेट कैंसर: जिन पुरुषों को बार-बार यूटीआई की समस्या हो रही है उन्हें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. अगर किसी व्यक्ति को टॉयलेट करते वक्त दर्द या परेशानी हो रही है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए. 

किसी को बार-बार यूटीआई हो रही है तो ये काम करें

अगर किसी व्यक्ति को बार-बार यूटीआई की समस्या हो रही है. तो उन्हें अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए साथ ही ढेर सारा पानी पीना चाहिए. डॉक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक्स लें और हाइजीन का खास ख्याल रखें. अगर आपको एक साल में 3-4 बार यूटीआई होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

Tuesday, 27 August 2024

Alcohol Bad Combination: शराब के साथ ये चीजें लेने से हो सकती है आपकी मौत, तुरंत हो जाएं सावधान

 


Alcohol Bad Combination : शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है. इस बात को हम सभी जानते हैं लेकिन बावजूद इसके बहुत से लोग अल्कोहल पीते  हैं. शराब के साथ ज्यादातर लोग चखना या कोई स्नैक्स लेना पसंद करते हैं. इसमें स्पाइसी चीजें ज्यादा होती हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जिन्हें खाने से पोषण तत्वों का अवशोषण नहीं होता है.

इससे एसिड रिफेलेक्स, ब्लॉटिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं. शराब के साथ इन चीजों को खाने से डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है और लिवर खोखला तक हो सकता है, जो जानलेवा बन सकता है. ऐसे में यहां कुछ ऐसे फूड्स के बारें में जानिए, जिसे शराब के साथ गलती से भी नहीं खाना चाहिए...

1. बींस

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शराब के साथ कुछ लोग छोले या राजमा चखने की तरह लेते हैं लेकिन ये चीजें पाचन को नुकसान पहुंचा सकती हैं. रेड वाइन और बींस या दाल का सेवन पाचन को बिगाड़ देता है. रेड वाइन में टेनिन और दाल या छोले में आयरन होता है, जिसका अवशोषण नहीं हो पाता है.

2. ब्रेड

बीयर पीने के साथ कभी भी ब्रेड नहीं खाना चाहिए. इससे गैस और बदहजमी की समस्या हो सकती है. बीयर-ब्रेड दोनों में बहुत ज्यादा यीस्ट होता है, जो पेट में आसानी से पच नहीं सकते हैं.  इससे गैंडिडा बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ सकता है, जो परेशानी का कारण बन सकता है.

3. नमकीन

शराब के साथ ज्यादा नमकीन नहीं खाना चाहिए. ज्यादातर लोग शराब के साथ स्पाइसी मिक्चर, भुजिया जैसी चीजें खाती हैं. इनमें सोडियम काफी ज्यादा होता है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छे नहीं होते हैं. ज्यादा नमकीन चीजों से प्यास  काफी ज्यादा लगती है, जो डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ा सकता है. अल्कोहल डाययूरेटिक की वजह से काफी ज्यादा यूरिन आता है.

4. चॉकलेट

शराब और चॉकलेट का सेवन भी एक साथ गलती से भी नहीं करना चाहिए. चॉकलेट में कैफीन पाया जाता है, जो गैस्ट्रो प्रॉब्लम्स को बढ़ा सकते हैं. कई बार ये कंडीशन ज्यादा गंभीर हो सकते हैं.

5. पिज्जा

शराब पीने के बाद पेट काफी देर तक भरा रहता है. जिसकी वजह से पेट में एसिड रिफलेक्स हो सकता है. ऐसी कंडीशन में शराब के साथ पिज्जा खाना खतरनाक हो सकता है. इसके साथ टमाटर की चटनी भी नहीं खाना चाहिए. इससे गैस की समस्या हो सकती है और हार्ट बर्न हो सकती है. इसलिए शराब के साथ टमाटर की कोई चीज नहीं खानी चाहिए.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.