Friday, 3 May 2019

" हेयर रिग्रोथ सॉल्यूशन" भारतीय डॉक्टरों को झकझोर देता है


क्या होगा अगर आप महंगा सर्जरी, हानिकारक रसायनों या अपने सामान्य दिन के बारे में कुछ भी बदले बिना अपने बाल regrow सकता है? वो कैसे संभव है?
पिछले तीन महीनों से, हमारे पाठक एक ऐसे उत्पाद के लिए पागल हो रहे हैं, जो किसी भी हानिकारक रसायन या खतरनाक और दर्दनाक सर्जरी के बिना पुरुषों और महिलाओं को जल्दी और आसानी से अपने बालों को दोबारा उगाने में मदद कर रहा है  इस क्रांतिकारी चाल को अनगिनत लोकप्रिय टीवी शो में दिखाया गया है , और सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी साबित हुआ।
यह साबित होता है कि बालों का पतला होना और बालों का झड़ना आपके जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस समस्या का अनुभव करने वाले पुरुषों और महिलाओं को अच्छी तरह से काम करने और विपरीत लिंग को आकर्षित करने में परेशानी होती है। वे अवसाद की उच्च दर, सामाजिक चिंता और आत्मविश्वास की कमी का अनुभव करते हैं।
लेकिन एक समाधान है: लोग इस एक गुप्त विधि का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन वे इसे छिपाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। एक कारण है कि आप अपने घरेलू उपचार और खतरनाक रसायनों के साथ अपने बालों को फिर से नहीं बढ़ा रहे हैं  हम बताएंगे कि क्यों, और उस गुप्त विधि को साझा करें जिसे डॉक्टर आपको जानना नहीं चाहते हैं। यदि आप इस सटीक प्रणाली का उपयोग करते हैं, तो परिणाम आपको झटका देंगे। आपका कोई भी मित्र विश्वास नहीं करेगा कि यह कितना आसान था!
बालों के झड़ने आंतरिक डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) और कोलेजन उत्पादन की वृद्धि का पता लगाया जा सकता है  बालों के झड़ने के विशेषज्ञों के अनुसार, अतिरिक्त DHT बाल कूप में कोलेजन उत्पादन को काफी बढ़ा देता है। जब बहुत अधिक कोलेजन कूप के आंतरिक भाग को खींचता है, तो यह छिद्रों को संकरा कर देता है, रक्त के प्रवाह को कम कर देता है और धीरे-धीरे आपके बालों की मौत हो जाती है। अंततः, कोलेजन पूरी तरह से आवश्यक रक्त प्रवाह की कमी का कारण बनता है। पहले आपके बाल अपनी चमक खो देते हैं, फिर यह थिन हो जाता है और अंत में आप अपने बालों को पूरी तरह से खो देते हैं।
जब प्रदूषण और पर्यावरण विषाक्त पदार्थों को मिश्रण में मिलाया जाता है, तो आपके बाल लगातार हमले के अधीन होते हैं।
लेकिन क्या किया जाये? बालों के झड़ने के उत्पादों की खराब स्थिति को देखते हुए - ज्यादा नहीं।
अब तक।
बाजार पर कमजोर और बेकार या यहां तक ​​कि खतरनाक उत्पादों से निराश, भारतीय और अमेरिकी डॉक्टरों की एक टीम ने शोध किया और अपने बालों को फिर से बनाने के लिए एक सरल तरीके के साथ आने के लिए सैकड़ों मिलियन डॉलर खर्च किए-और यह चमत्कारी उपाय है वे साथ आए! जानने के लिए कैसे आप को 30 दिनों में अपने बाल regrow कर सकते हैं पढ़ते रहें।
यह ट्रिक रेग्रो हेयर कैसे करता है ?

हालांकि बालों के झड़ने का एक सरल समाधान अजीब और अविश्वसनीय लग सकता है, आइए हम बताते हैं कि यह चमत्कार इलाज कैसे काम करता है।
विज्ञापन और किसी प्रसिद्ध हस्ती द्वारा में पैसा डालने का कार्य करने के बजाय, कुशल बाल विशेषज्ञों की एक टीम पैसा जहां यह मायने रखता है, सक्रिय तत्व है कि सही मायने में बाल regrow में डाल दिया। 8 साल के श्रमसाध्य शोध के बाद उन्होंने वैज्ञानिक रूप से सिद्ध अवयवों का सही मिश्रण बनाया जो स्रोत पर बालों के झड़ने को रोकते हैं।
Nutralyfe पुनः प्राप्त करें   निष्क्रिय बालों के रोम को पुन: उत्पन्न करने के लिए सिद्ध, क्रांतिकारी एडिटिव्स शामिल हैं और तत्काल बालों के विकास को प्रोत्साहित करते हैं।   Nutralyfe पुनः प्राप्त करें   इसमें मालिकाना पेटेंट लंबित सामग्री भी शामिल है जो सेलुलर स्तर पर बाल regrowth को बढ़ावा देता है। ऑक्सीजन की आपूर्ति में वृद्धि और अतिरिक्त कोलेजन कम होने से आपके रोम छिद्र घुटन से बच जाते हैं और उन्हें जीवन में वापस लाते हैं।
पोषक तत्वों के एक सटीक अंशांकन के साथ, यह चाल DHT और कोलेजन बिल्डअप के वर्षों को उलट देती है - इसलिए आप बालों को फिर से विकसित कर सकते हैं और समस्या को मूल रूप से हल कर सकते हैं।
इसका मतलब है कि आप वर्षों में बालों की तुलना में अधिक घने, फुलर वाले सिर और अधिक आत्मविश्वास वाले हैं!
मेजर बॉलीवुड हस्तियों इस अद्भुत उत्पाद का उपयोग अपने बालों regrown है। यह सस्ती और 100% जैविक है। हमने बॉलीवुड सेलेब्स की कई पपराज़ी तस्वीरों को गुप्त रूप से अमेरिकी हवाई अड्डों पर खरीदते हुए और विवेकहीन होने की कोशिश करते हुए देखा है।   यह 97% रोगियों में बालों के झड़ने को रोकने के लिए चिकित्सकीय रूप से सिद्ध है और यह 30 दिनों या उससे कम समय में आपके बालों को फिर से साबित करने के लिए सिद्ध होता है 

Friday, 26 April 2019

सेहत में गड़बड़ी का संकेत है ज्यादा डकारें, इन बातों का रखें ख्याल

खाना खाने के बाद डकार आने को अकसर खाना सही से पच जाने की निशानी माना जाता है, लेकिन बार-बार डकार किसी स्वास्थ्य समस्या का भी संकेत हो सकता है। जब बार-बार डकार आए, तो क्या करें और क्या नहीं, बता रही...http://bit.ly/2L52VrVखाना खाने के बाद डकार आने को अकसर खाना सही से पच जाने की निशानी माना जाता है, लेकिन बार-बार डकार किसी स्वास्थ्य समस्या का भी संकेत हो सकता है। जब बार-बार डकार आए, तो क्या करें और क्या नहीं, बता रही...

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Friday, 5 April 2019

किडनी, थायरायड के मरीजों के लिए होम्योपैथी चिकित्सा फायदेमंद : डॉ. कल्याण बनर्जी

किडनी, थायरायड के मरीजों के लिए होम्योपैथी चिकित्सा फायदेमंद : डॉ. कल्याण बनर्जीनई दिल्ली: गुर्दा व गलग्रंथि (थायरायड) संबंधी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति फायदेमंद है, यह बात एक अध्ययन की हालिया रिपोर्ट में साबित हुई है. अध्ययन पद्मश्री डॉ. कल्याण बनर्जी की अगुवाई में उनके दिल्ली स्थित क्लीनिक में किया गया. डॉ. बनर्जी ने कहा कि गुर्दे की खराबी की जानकारी शुरुआत में होने और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से मरीजों का इलाज समय से शुरू होने से 50 फीसदी मरीजों का सफल इलाज हो सकता है और गुर्दा संबंधी तकलीफ से उनको निजात मिल सकती है.
अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, गुर्दे की खराबी के गंभीर रोग का इलाज आरंभ होने के बाद तीसरी बार क्लीनिक आने वाले गुर्दा के 50-58.3 फीसदी मरीजों में उनके सीरम यूरिया और क्रिएटिनिन के स्तर में सुधार पाया गया. वहीं, हाइपोथायरायडिज्म पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि इलाज आरंभ होने के बाद चौथी बार क्लीनिक आने वाले 35 फीसदी रोगियों में उनके सीरम थायराइड उत्तेजक हार्मोन की रीडिंग में सुधार देखा गया.
हाइपोथायरायडिज्म पर यह अध्ययन 2011-2015 के दौरान क्लीनिक में आए 2,083 मरीजों के रिकॉर्ड के आधार पर किया गया है.  वहीं, गुर्दा संबंधी रोग पर अध्ययन 2018 और 2019 में एक महीने के अंतराल पर क्लीनिक आए गुर्दा खराब होने की गंभीर बीमारी से ग्रस्त 61 मरीजों के रिकॉर्ड के आधार पर किया गया है.
डॉ. कल्याण बनर्जी क्लीनिक के संस्थापक डॉ. कल्याण बनर्जी ने कहा, "इस अध्ययन के शुरुआती अवलोकन काफी दिलचस्प हैं.  हाइपोथायरायडिज्म पर अध्ययन के आंकड़ों से संकेत मिला है कि रोगियों को दी जाने वाली विशिष्ट होम्योपैथिक दवाएं थायरॉयड ग्रंथि के कार्य में सुधार के लिए असरदार हैं, जिससे थायरॉयड उत्तेजक हार्मोन रीडिंग में कमी आई. 
यह हाइपोथायरायडिज्म के प्राकृतिक इतिहास की समझ के विपरीत है, जो बताता है कि इस बीमारी में वृद्धि को आमतौर पर नियंत्रित नहीं किया जा सकता है. हाइपोथायरायडिज्म के एक तिहाई से अधिक मरीजों को होम्योपैथिक दवाओं से लाभ हो रहा है.  भारत की 11 फीसदी आबादी हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित है, जिसके लिए होम्योपैथी इलाज असरदार हो सकती है.
" डॉ. कल्याण बनर्जी ने कहा, "वर्तमान में उपलब्ध कोई भी उपचार सीरम यूरिया और क्रिएटिनिन रीडिंग में कमी करने में सक्षम नहीं है, जबकि हमारे अध्ययन की रीडिंग से यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि डायलिसिस शुरू की जानी चाहिए या नहीं. " डॉ. कल्याण बनर्जी क्लीनिक के डॉ. कुशल बनर्जी ने कहा, "हमारा उद्देश्य यह पुष्टि करने का प्रयास करना था कि होम्योपैथिक उपचार से गुर्दा संबंधी गंभरी रोग और हाइपोथायरायडिज्म पीड़ित मरीजों को लाभ होता है. 
इन दोनों अध्ययनों के बाद, हम आशा करते हैं कि इन पर और भी अनुसंधान किए जाएंगे.  हम अपने निष्कर्षो को प्रकाशित करने और अपने उपचार प्रक्रिया को सार्वजनिक करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे ताकि दुनिया भर के रोगियों को लाभ मिल सके. " डॉ. कुशल बनर्जी ने कहा कि गुर्दे की खराबी के बारे में मरीजों को पहले पता नहीं चल पाता है क्योंकि 50 फीसदी तक गुर्दे की खराबी के बारे में रक्त की रिपोर्ट में सही जानकारी ही नहीं मिल पाती है.  

Monday, 1 April 2019

वजन ज्यादा है तो हो जाइए सावधान, हो सकती है यह जानलेवा बीमारी

वजन ज्यादा है तो हो जाइए सावधान, हो सकती है यह जानलेवा बीमारीवॉशिंगटन: पचास साल की उम्र से पहले ही कोई व्यक्ति यदि ज्यादा वजन का शिकार हो जाता है तो अग्न्याशय कैंसर से उसकी मौत का जोखिम काफी बढ़ जाता है. एक अध्ययन में यह पाया गया है. शोधकर्ताओं ने कहा कि अग्न्याशय कैंसर के मामले तुलनात्मक रूप से कम सामने आते हैं. कैंसर के सभी नए मामलों में से करीब तीन फीसदी मामले अग्न्याश्य कैंसर के होते हैं. हालांकि, यह काफी जानलेवा किस्म का होता है. इसमें पिछले पांच साल में जीवित बचने की दर महज 8.5 फीसदी रही है.
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी में एपिडेमियोलॉजी रिसर्च के वरिष्ठ वैज्ञानिक निदेशक एरिक जे जैकब्स ने कहा, ‘‘वर्ष 2000 के बाद से ही अग्न्याशय कैंसर के मामलों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती जा रही है.’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘हम इस बढ़ोतरी से पसोपेश में है, क्योंकि अग्न्याशय कैंसर का बड़ा कारण धूम्रपान अब कम होता जा रहा है.’’ शोध टीम ने अमेरिका के 963,317 ऐसे वयस्कों से जुड़े डेटा का परीक्षण किया जिनका कैंसर का कोई इतिहास नहीं रहा. इन सभी लोगों ने अध्ययन की शुरुआत के समय सिर्फ एक बार अपना वजन और अपनी लंबाई बताई. उस वक्त इनमें से कुछ लोग 30 साल के भी थे तो कुछ 70 या 80 साल के भी थे.
शोधकर्ताओं ने ज्यादा वजन के संकेतक के तौर पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की गणना की. बाद में शोध में हिस्सा लेने वालों में से 8,354 की मौत अग्न्याशय कैंसर से हो गई, लेकिन जोखिम में यह बढ़ोतरी उनमें देखी गई थी जिनके बीएमआई का आकलन शुरुआती आयु में किया गया था. जैकब्स ने कहा कि अध्ययन के नतीजे संकेत देते हैं कि अत्यधिक वजन से अग्न्याशय कैंसर की चपेट में आने का खतरा कई गुना बढ़ गया है.